एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
चंद लम्हों का साथ लगता नाकाफी ह
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
पहले जीत जीत कर भी हारता रहा
खुद को खुद से ही मारता रहा
पर आज आसमान से सुनहरी किरण झांकी है
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
बहुत भटका हूं तब ही पाया है
एक विष्वास आज जो मन में आया है
सफर की थकान अब लगती नाकाफी है
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
अब सांसों में एक ठहराव है
मन को एक विष्वास है
जिंदगी कुछ सपने समेटना चाहती है
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
बोल कर तो मैं बता न सका
षब्दों में वो बात कहां
तुम्हें व्यक्त जो कर सके
ऐसा वो एहसास कहां
तुम्हारा होना ही काफी है
एक दौड़ जिंदगी की अभी बाकी है
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